एड्स कैसे होता है || AIDS kaise hota hai

AIDS क्या है?  जन्म के पश्चात् प्रतिरोधक क्षमता के ह्रास के कारण उत्पन्न लक्षणों को एड्स कहते हैं। AIDS अपने आप में कोई रोग का नाम नहीं है अपितु अपने आप को अनेक लक्षणों तथा संकेतों के रूप में प्रकट करता है इसलिए इसे सिंड्रोम कहते हैं। AIDS (एड्स) को प्रत्येक अंग्रेजी अक्षर द्वारा निम्नलिखित रूप में लिखा जाता है।  A-Acquired -अर्जित किया हुआ।  I-Immuno- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता  D-Deficiency- कमी  S-Syndrome - अनेक रोगों अथवा…

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शैवाल क्या है || What is Algae in Hindi

शैवाल क्या है? (What is Algae?) शैवाल या एल्गी (Algae) पादप जगत का सबसे सरल जलीय जीव है, जो प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करता है। शैवालों के अध्ययन को फाइकोलॉजी कहतें हैं।  ये प्राय: हरितलवक युक्त संवहन ऊतक रहित स्वपोषी होते हैं। इनका शरीर शूकाय सदृश होता है। ये ताजे जल, समुद्री जल, गर्म जल के झरनों, कीचड़ एवं नदी, तालाबों में पाए जाते हैं। कुछ शैवालों में गति करने के लिए फ्लेजिला पाये…

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लाइकेन क्या है? || What is lichen in hindi

लाइकेन क्या हैं? (What is Lichen?) यह थैलोफाइटा प्रकार की वनस्पति है जो कवक (Fungi) तथा शैवाल (Algae) दोनों से मिलकर बनती है। इसमें कवक तथा शैवालों का सम्बन्ध परस्पर सहजीवी (Symbiotic) जैसा होता है। कवक जल, खनिज-लवण, विटामिन्स आदि शैवाल को देता है और शैवाल प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण कर कवक को देता है। कवक तथा शैवाल के बीच इस तरह के सहजीवी सम्बन्ध को 'हेलोटिज्म' कहते हैं। 'लाइकेन‘ शब्द का…

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कवक क्या होते हैं || Kavak kya hote hain

कवक क्या है? (What is Fungi) कवक हरित लवक रहित संकेंद्रीय संवहन उतक रहित थैलोफाइटा है। कवक का अध्ययन माइकोलॉजी कहलाता है। पर्णरहित विहीन होने के कारण ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते हैं। अतः यह विविधपोषी होते हैं। इसमें संचित भोजन ग्लाइकोजन के रूप में रहता है। इनकी कोशिका भित्ति काइटिन की बनी होती है।  कवक का वासस्थान (Habitat of Fungi) ये संसार में उन सभी भागों में पाए जाते हैं जहां जीवित या…

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ग्रंथियों के प्रकार || Granthiyo ke Prakar

ग्रंथि किसे कहते है?  (What is Gland?) कशेरुकी जीवों में पाए जाने वाली थैले जैसी संरचना जिससे हार्मोन और एंजाइम स्रावित होते हैं। इस प्रकार के थैले जैसी संरचना को ही ग्रंथि कहते हैं। हार्मोन शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है उत्तेजित करने वाला पदार्थ। हार्मोन का स्राव शरीर की कुछ विशेष प्रकार की ग्रंथियों द्वारा होता है जिन्हें अंतःस्रावी ग्रंथियां कहते हैं। अंतःस्रावी ग्रंथि ग्रंथियों के प्रकार में से एक है।  ग्रंथियों…

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दृष्टि दोष क्या है? || Drishti Dosh kya hai

दृष्टि दोष क्या होता है?  जब आंखो द्वारा लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करने की क्षमता क्षीण हो जाती है तो स्पष्ट दिखाई नहीं देता और दृष्टि धुंधली हो जाती है इसे ही आंख का दृष्टि दोष कहते हैं। एक सामान्य व्यक्ति 25 सेंटीमीटर से लेकर अनंत दूरी पर रखी वस्तु को अपनी आंखों से देख सकता है। परंतु उम्र बढ़ने के साथ या अन्य कारणों से व्यक्ति कि यह क्षमता कम या समाप्त हो…

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संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत (Jean Piyage ka sangyanatmak vikas siddhant)

संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत स्विट्जरलैंड के जीव वैज्ञानिक जीन पियाजे ने 1936 में बुद्धि के विकास के संबंध में जो सिद्धांत प्रस्तुत किए उसे संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत के नाम से जाना जाता है। इस सिद्धांत में जीन पियाजे ने इस बात पर बल दिया है कि बच्चे संसार के बारे में अपनी समझ की रचना सक्रिय रूप से करते हैं। नए विचारों को अंतर्निहित करने के लिए बच्चे अपने चिंतन का अनुकूलन करते हैं। संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत से…

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स्वामी विवेकानंद || Swami Vivekanand ka jivanparichay

स्वामी विवेकानंद का जन्म और बचपन  स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था 12 जनवरी 1863 में उनका जन्म कलकत्ता के सभ्य परिवार में हुआ था। वर्तमान में उनके जन्म को युवादिवस के रूप में मनाया जाता है। नरेंद्र के पिता कोलकाता के प्रसिद्ध वकील थे इस व्यवसाय में उन्हें अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती थी। उनकी माताजी अत्यधिक  भक्तिमय जीवन जीने वाली उच्च चरित्र, उदार, सुशील कर्तव्यनिष्ठ संस्कारों की सजीव प्रतिमा थी। नरेंद्र का शैशव…

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पौधों में पोषण || Nutrition in Plants in Hindi

पौधों में पोषण (Nutrition in Plants)  पोषण सभी जीवधारियों की मूलभूत विशेषतायें होती है जिसके माध्यम से जीव-जन्तु और पौधे अपने जैविक कार्यों का संचालन करते हैं। पोषण में प्रयुक्त रासायनिक पदार्थ जो कि जीवों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है पोषक तत्व कहलाते है। ये पोषक तत्व कार्बनिक अथवा अकार्बनिक दोनों प्रकार के होते है। कार्बनिक पदार्थ कार्बनिक यौगिक दो रूप में सरल अथवा जटिल हो सकते है एवं अकार्बनिक पदार्थ खनिज आयनों…

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राष्ट्रपति निर्वाचन Rashtrapati ka Nirvachan Kaise hota hai

भारत का राष्ट्रपति  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा। अनुच्छेद 53 के अनुसार, संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी, जिसका प्रयोग वह स्वयं अथवा अपने अधीन पदाधिकारियों द्वारा करेगा।  भारत की संघीय सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग संघीय कार्यपालिका है। इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मन्त्रिपरिषद सम्मिलित होते हैं। राष्ट्रपति संघीय कार्यपालिका का वैधानिक प्रधान होता है। इसका पद अत्यन्त गौरवपूर्ण है। संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में…

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