दृष्टि दोष क्या है? || Drishti Dosh kya hai

दृष्टि दोष क्या होता है?  जब आंखो द्वारा लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करने की क्षमता क्षीण हो जाती है तो स्पष्ट दिखाई नहीं देता और दृष्टि धुंधली हो जाती है इसे ही आंख का दृष्टि दोष कहते हैं। एक सामान्य व्यक्ति 25 सेंटीमीटर से लेकर अनंत दूरी पर रखी वस्तु को अपनी आंखों से देख सकता है। परंतु उम्र बढ़ने के साथ या अन्य कारणों से व्यक्ति कि यह क्षमता कम या समाप्त हो…

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संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत (Jean Piyage ka sangyanatmak vikas siddhant)

संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत स्विट्जरलैंड के जीव वैज्ञानिक जीन पियाजे ने 1936 में बुद्धि के विकास के संबंध में जो सिद्धांत प्रस्तुत किए उसे संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत के नाम से जाना जाता है। इस सिद्धांत में जीन पियाजे ने इस बात पर बल दिया है कि बच्चे संसार के बारे में अपनी समझ की रचना सक्रिय रूप से करते हैं। नए विचारों को अंतर्निहित करने के लिए बच्चे अपने चिंतन का अनुकूलन करते हैं। संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत से…

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स्वामी विवेकानंद || Swami Vivekanand ka jivanparichay

स्वामी विवेकानंद का जन्म और बचपन  स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था 12 जनवरी 1863 में उनका जन्म कलकत्ता के सभ्य परिवार में हुआ था। वर्तमान में उनके जन्म को युवादिवस के रूप में मनाया जाता है। नरेंद्र के पिता कोलकाता के प्रसिद्ध वकील थे इस व्यवसाय में उन्हें अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती थी। उनकी माताजी अत्यधिक  भक्तिमय जीवन जीने वाली उच्च चरित्र, उदार, सुशील कर्तव्यनिष्ठ संस्कारों की सजीव प्रतिमा थी। नरेंद्र का शैशव…

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पौधों में पोषण || Nutrition in Plants in Hindi

पौधों में पोषण (Nutrition in Plants)  पोषण सभी जीवधारियों की मूलभूत विशेषतायें होती है जिसके माध्यम से जीव-जन्तु और पौधे अपने जैविक कार्यों का संचालन करते हैं। पोषण में प्रयुक्त रासायनिक पदार्थ जो कि जीवों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है पोषक तत्व कहलाते है। ये पोषक तत्व कार्बनिक अथवा अकार्बनिक दोनों प्रकार के होते है। कार्बनिक पदार्थ कार्बनिक यौगिक दो रूप में सरल अथवा जटिल हो सकते है एवं अकार्बनिक पदार्थ खनिज आयनों…

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राष्ट्रपति निर्वाचन Rashtrapati ka Nirvachan Kaise hota hai

भारत का राष्ट्रपति  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा। अनुच्छेद 53 के अनुसार, संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी, जिसका प्रयोग वह स्वयं अथवा अपने अधीन पदाधिकारियों द्वारा करेगा।  भारत की संघीय सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग संघीय कार्यपालिका है। इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मन्त्रिपरिषद सम्मिलित होते हैं। राष्ट्रपति संघीय कार्यपालिका का वैधानिक प्रधान होता है। इसका पद अत्यन्त गौरवपूर्ण है। संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में…

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प्रधानमंत्री के कार्य || Pradhan Mantri ke Karya

भारत का प्रधानमंत्री पद्यति एवं महत्ता  भारतीय प्रधानमंत्री के पद को संविधान द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। भारतीय प्रशासन में प्रधानमंत्री को बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। भारतीय संविधान में कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित करते हुए कहा गया है कि राष्ट्रपति अपनी समस्त शक्तियों का प्रयोग  मंत्रिपरिषद के परामर्श से करता है। इस प्रकार व्यवहार में सभी कार्यपालिका शक्तियाँ का उपभोग मंत्रिपरिषद के माध्यम से प्रधानमंत्री ही करता है।  भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्तियाँ…

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टैक्स कितने प्रकार के होते हैं || Tax Kitne Prakar Ke Hote Hai

टैक्स क्या है? यह एक अनिवार्य अंशदान है जो करदाता को देना होता है। करदाता को टैक्स के बदले में, प्रत्यक्ष लाभ का कोई आश्वासन नहीं दिया जाता है। टैक्स का उपयोग सार्वजनिक हित में किया जाता है।   टैक्स की परिभाषा  टैक्स व्यक्तियों द्वारा वसूल किया जाने वाला अनिवार्य अंशदान हैं, जो सार्वजनिक व्यय को  पूरा करने के लिए लिये जाते हैं और जिसका किसी विशेष लाभ से कोई सम्बन्ध नहीं होता। फिण्डले शिराज के अनुसार अच्छी…

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कानून कैसे बनता है?|| Kanoon Kaise banta hai?

संसद में कानून-निर्माण की प्रक्रिया  संसद का मुख्य कार्य कानून बनाना है। दोनों सदनों में समान विधायिनी प्रक्रिया की व्यवस्था की गई है। ज़ब  कोई विधेयक किसी सदन में प्रस्तुत किया जाता है तो  संसद में उस विधेयक पर विचार किया जाता है। विचार करने की इस प्रक्रिया को वाचन कहते हैं। किसी भी विधेयक को प्रत्येक सदन में पारित होने के लिए पाँच चरणों से गुज़रना पड़ता है।  प्रस्तुतीकाण तथा प्रथम वाचन किसी भी कानून…

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राज्यसभा के कार्य एवं अधिकार || Rajya Sabha ke karya

राज्यसभा की रचना  यह सदन संसद का एक स्थायी, द्वितीय तथा उच्च सदन है। इसका कभी विघटन नहीं होता। राज्यसभा में संघ के इकाई राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं । राज्यसभा में अधिक-से-अधिक 250 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें अधिक-से-अधिक 238 निर्वाचित सदस्य तथा 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं। राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत 2 सदस्य साहित्य, विज्ञान, कला तथा समाज-सेवा आदि के क्षेत्र में प्रख्यात व्यक्ति होते हैं। इस समय कुल 245 सदस्य हैं,  जिनमें…

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लोकसभा के कार्य एवं शक्तियाँ || Lok Sabha ke karya

लोकसभा की रचना (संगठन)  संसद का निम्न सदन, प्रथम सदन तथा शक्तिशाली सदन लोकसभा है। जनता का प्रतिनिधि सदन होने के  कारण लोकसभा संसद का महत्वपूर्ण एवं शक्तिशाली अंग है। मूल संविधान में हुए संशोधनों के उपरान्त वर्तमान में यह निश्चित कर दिया गया है कि लोकसभा की अधिकतम सदस्य-संख्या 552 हो सकती है, जिसमें राज्यों के 530 सदस्य, संघ. राज्य क्षेत्रों से 20 सदस्य तथा दो सदस्य राष्ट्रपति द्वारा एँग्लो-इण्डियन समुदाय से मनोनीत किये जो सकते…

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