अलंकार के भेद || Alankar ke bhed

अलंकार का शाब्दिक अर्थ  अलंकार का शाब्दिक अर्थ है “आभूषण”। काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्व अलंकार कहलाते हैं। जिस प्रकार आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है, उसी प्रकार अलंकारों से काव्य की शोभा बढ़ती है। अलंकारों के प्रयोग से काव्य मनोहारी बन जाता है। शब्दालंकार एवं अर्थालंकार मुख्यता दो अलंकार के भेद हैं। काव्य में शब्द तथा अर्थ दोनों का ही समान महत्व है तथा दोनों ही काव्य के सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं;…

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वर्णों के उच्चारण स्थान || varno ke ucharan sthan

वर्णों के उच्चारण हिंदी वर्णमाला में प्रत्येक स्वर एवं व्यंजन को वर्ण की संज्ञा देते हैं। वे वर्ण जिनका उच्चारण अन्य ध्वनियों की सहायता के बिना हो उसे स्वर कहते हैं। तथा जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से होता है उन ध्वनियों को व्यंजन कहते हैं। वर्णों के उच्चारण के आधार पर स्वर एवं व्यंजन ध्वनियों का वर्गीकरण निम्नलिखित रूपों में किया जा सकता है। स्वरों का वर्गीकरण हिन्दी में स्वर ध्वनियों का वर्गीकरण मुख्य रूप…

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वाक्य के भेद || vakya ke kitne bhed hote hain

वाक्य किसे कहते हैं?  शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं जैसे- राम घर जाता है। यहां शब्दों को एक क्रम में रखा गया है जिस कारण से यह शब्द आपस में मिलकर सार्थक वाक्य बना रहे हैं। यदि शब्दों का क्रम सुव्यवस्थित ना हो तो अर्थ का अनर्थ हो जायेगा और ऐसा क्रम वाक्य नहीं कहलाएगा। एक शब्द वर्णों के समूह से बनता है। वाक्यों के दो अंग हैं 1) उद्देश्य 2) विधेय  उद्देश्य…

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