क्रिया के भेद || kriya ke bhed in hindi

क्रिया किसे कहते हैं?

जिस शब्द या शब्द समूह से किसी काम का होना या करना व्यक्त होता है, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे-सीता अखबार पढ़ती है, वह रोज नहाता है। यहां पढ़ना और नहाना क्रियाऐं है। एक वाक्य में एक से अधिक क्रिया भी हो सकती हैं जैसे-वह स्नान करने के बाद मंदिर जाता है। यहाँ स्नान करना और जाना दो क्रियाएं हैं। क्रिया क्रिया के भेद 2 आधार पर कर सकते हैं।

क्रिया के भेद

1) कर्म के आधार पर

2) संरचना के आधार पर

कर्म के आधार पर क्रिया के भेद

1) सकर्सक 

2) अकर्मक 

सकर्मक 

जब क्रिया को कर्ता को छोड़कर कर्म की आवश्यकता होती है तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे-मोनू खाना खाता है। सोनी गीत गाती है।

इन दोनों वाक्यों में क्रिया खाता है तथा गाती है का फल खाना तथा गीत पर पड़ रहा हैं। इसलिए यह सकर्मक क्रिया कहलाती है। कर्म के आधार पर इसके दो भेद होते हैं-

(1) एककर्मक क्रिया 

(2) द्विकर्मक क्रिया 

एककर्मक क्रिया

जिस क्रिया में कर्म एक हो होता हैं उसे एककर्मक क्रिया कहते है, जैसे- शिखा स्कूल जाती है।, रितु किताब पढ़ती है । 

इन दोनों ही वाक्यों में किताब तथा स्कूल कर्म है जो क्रिया पर क्या के उत्तर में हमें प्राप्त होते है। इन दोनों ही वाक्यो में एक ही कर्ता प्रयुक्त होने के कारण यहाँ  एककर्मक क्रिया है। 

द्विकर्मक किया 

क्रिया जिसमें दो कर्म होते हैं उसे द्विकर्मक किया कहते है। जैसे-रेखा ने शिक्षा को पुस्तक दी। नितिन ने रांजेन्द्र को गणित पढ़ाई।  

अकर्मक क्रिया 

जब क्रिया को कर्म की आवश्यकता नहीं होती अर्थात् जहाँ कर्म का अभाव हैं । वहाँ अकर्मक क्रिया होती है; 

जैसे-अम्बा पढ़ती है। आकाश हँसता है। सतनाम खेलता है।  

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संरचना की दृष्टि से क्रिया के भेद 

संरचना की दृष्टि से क्रिया के भेद 4 भेद होते हैं –

1 .संयुक्त क्रिया 

2. प्रेरणार्थक क्रिया 

3. नामधातु क्रिया 

4. पूर्वकालिक क्रिया 

संयुक्त क्रिया 

जो क्रिया किसी दूसरी क्रिया या अन्य शब्द से मिलकर क्रिया बनाती है उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं। जैसे-तुम प्रतिदिन व्यायाम किया करो। वह अपना खाना खा चुका। 

इन वाक्यों में करा करो तथा खा चुका संयुक्त क्रियाएँ हैं। इनमें दो क्रियाओं का प्रयोग हुअा है पहली मुख्य क्रिया तया दूसरी सहायक किया। 

प्रेरणार्थक क्रिया 

क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी अन्य को उस कार्य को करने के लिए प्रेरित करता है या उससे वह कार्य करवाती है तो , उस क्रिया को ‘प्रेरणार्थक क्रिया’ कहते है। जैसे- सीता ने खाना बनवाया। 

इस वाक्य को पढ़कर हमें ज्ञात होता हैं कि सीता ने खाना स्वयं न बनाकर दूसरे को प्रेरणा देकर उससे बनवाया। इसलिए बनवाया प्रेरणार्थक क्रिया है। 

नामधातु क्रिया 

संज्ञा सर्वनाम विशेषण इत्यादि से बनने वाली क्रिया को नामधातु किया कहते है। जैसे-लज्जा से लजाना अपना से अपनाना बता से बताना। 

पूर्वकालिक क्रिया 

जब कर्ता एक क्रिया को समाप्त करके तत्काल किसी दूसरी क्रिया को आरम्भ करता है तब पहली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं। जैसे-कृष्णा नहाकर स्कूल जाएगा। मैं खाना खाकर बाजार गया। 

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Sneha Katiyar

My name is Sneha Katiyar. I am a student. I like reading books

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