Sarva Shiksha Abhiyan || सर्व शिक्षा अभियान सुझाव, उद्देश्य

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Sarva Shiksha Abhiyan क्या है?

सन् 1990 में “सबके लिए शिक्षा विषय पर विश्व कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें सामान्य शिक्षा सबके लिए सुलभ न हो पाने के कारण इसे समस्या के रूप में स्वीकार किया गया। इस कान्फ्रेंस में यह भी स्वीकार किया गया कि सभी देश अपने छात्रों की सामान्य शिक्षा को अनिवार्य एवं निःशुल्क रूप से लागू करेंगे, जो देश इस व्यवस्था के लिए संसाधन उपलब्ध कराने में असमर्थ होंगे उन देशों को विकसित देश आर्थिक मदद देंगे। भारत ने भी इसको लागू करने के लिए अपने संसाधनों में वृद्धि करने के साथ-साथ विकसित देशों तथा विश्व बैंक से आर्थिक सहायता ली और सबके लिए शिक्षा को एक आन्दोलन के रूप में चलाया। जिसमें सर्व शिक्षा अभियान,(sarva shiksha abhiyan) माध्यमिक शिक्षा कार्यक्रम और शिक्षा गारन्टी योजना शामिल हैं।

हमारे संविधान की अनुच्छेद 45 में स्पष्ट निर्देश था कि सभी राज्य इस संविधान के लागू होने के 10 वर्ष के अन्दर 14 वर्ष तक के सभी छात्रों की अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कर लें। इस सम्बन्ध में कोठारी आयोग, शिक्षा की राष्ट्रीय नीति में भी सुझाव दिए गए तथा इसे लागू करने के लिए ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड जैसी योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया गया।

Sarva Shiksha Abhiyan की शुरुआत कब हुई?

प्राथमिक शिक्षा की अनिवार्य एवं निःशुल्क व्यवस्था करने के सम्बन्ध में सरकार ने बहुत सी योजनाएँ लागू की परन्तु इन सबसे शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। सन् 2000 तक भी हम वो लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सके जिसे प्राप्त करने के लिए संविधान में दस वर्षों का समय निश्चित किया गया था। सरकार ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवम्बर 2000 में “सर्व शिक्षा अभियान” को मंजूरी दी।

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) की शुरुआत 2001 में की गई। इसे राष्ट्रीय योजना के रूप में सभी जिलों में लागू किया गया। इस अभियान का उद्देश्य 2010 तक 6 से 14 आयु वर्ग के सभी छात्रों को अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराना था।

इस प्रकार यह कार्यक्रम 6-14 वर्ष तक के सभी बालकों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रबन्ध करता है-

1) समयबद्ध कार्यक्रम (Time Bound Programme)-

सर्व शिक्षा अभियान(sarva shiksha abhiyan) समयबद्ध चलने वाला एक कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2010 तक देश के सभी बालकों को आठ वर्ष की प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराना था। 

2) प्रारम्भिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण (Universalisation of Elementary Education)

प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए यह एक दृढ़ संकल्प है। 

3) गुणात्मक शिक्षा (Quality Education)-

पूरे देश में शिक्षा की माँग को देखते हुए स्तर पर गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना ताकि बालकों का बौद्विक स्तर ऊँचा हो सके ।

4)स्थानीय संस्थाओं की प्रभावशाली सहभागिता (Effective Involvement of local Bodies)-

स्थानीय संस्थाओं को सुदृढ़ता तथा प्रभावशाली ढंग से सहभागिता के लिए यह अभियान प्रोत्साहित करता है। पंचायती राज्य संस्थाओं, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर विकास समितियाँ विद्यालय प्रबन्धकों, अभिभावक-शिक्षक संस्था, जनजातीय स्वायत्त परिषदों एवं अन्य स्थानीय स्तर की समितियों की सहभागिता को यह अभियान प्राथमिकता देता है।

5)केन्द्र एवं राज्य स्तर पर सहयोग (Cooperation at the Centre and State Level)-

 इस कार्यक्रम के उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु राज्य एवं स्थानीय सरकारों के बीच सहयोग की भावना को विकसित करना।

6)सामाजिक न्याय (Social Justice)-

प्रारम्भिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण करते हुए जन साधारण का सामाजिक स्तर पर समानता प्रदान करना सर्व शिक्षा अभियान(sarva shiksha abhiyan) का प्रमुख उद्देश्य है जिससे सभी लोगों को बिना किसी जाति, धर्म या अन्य भेदभाव के सामाजिक न्याय प्राप्त हो सके।

7)राज्यों के अपने दृष्टिकोण का विकास एवं राष्ट्रीय एकता (Development of States own Vision and National Unity)-

 यह कार्यक्रम राज्यों को यह अधिकार देता है कि वह प्रारम्भिक स्तर पर शिक्षा का अपना दृष्टिकोण विकसित करें एवं राष्ट्रीय एकता स्थापित करें।

सर्व शिक्षा अभियान को सुदृढ़ बनाने हेतु सुझाव (Suggestions for Strengthening the Sarva Shiksha Abhiyan)

1) सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के अन्तर्गत विद्यालयों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का आधार सन्तुलित होना चाहिए अर्थात् आवश्यकतानुसार ही प्रत्येक विद्यालय को सुविधाएँ प्रदान की जाएँ।

2) योजना के अन्तर्गत लड़कियों को ही निःशुल्क पुस्तकें न दी जाएँ अपितु इसमें बालकों को भी सम्मिलित किया जाए।

3) बिना किसी भेद-भाव के प्रत्येक छात्र को समान सुविधाएँ प्रदान कर उनकी प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाये।

4) इस योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए 20 दिनों के सेमिनार (वार्षिक) की व्यवस्था की गई है जिसका उद्देश्य शिक्षकों के ज्ञान में वृद्धि करना होना चाहिए जबकि आजकल सेमिनारों में इस उद्देश्य की पूर्णतः अवहेलना की जा रही है।

5) अध्यापकों के सेवापूर्व प्रशिक्षण में सुधार किया जाए अर्थात् परिवर्तित परिस्थितियों के अनुरूप आधुनिक शिक्षा को इसके साथ सम्बंधित किया जाये। 

6) अध्यापकों को विद्यालय से प्राप्त होने वाले अनुदान का रिकार्ड रखने में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि सरकार की ओर से प्राप्त प्रशिक्षण अनुदान खर्च करने के पश्चात् की प्रक्रिया बनकर रह गई है। सरकार को चाहिए कि वह ब्लॉक स्तर पर रिकार्ड लिखने वाले अधिकारियों की नियुक्ति करे ताकि सही ढंग से रिकार्ड तैयार किया। 

7) सरकार को ऐसे नियम बनाने चाहिए जिससे ग्रामीण स्तर पर पंचायतें व ग्रामीण शिक्षा विकास समितियों में समायोजन की कमी है उसमें सुधार किया जा सके।

8) साधारणतः ग्रामीण शिक्षा विकास समितियों में अनपढ़ व्यक्तियों की बहुलता है। वह व्यक्ति जो स्वयं शिक्षित नहीं है उनसे शिक्षा में सुधार की आशा करना व्यर्थ है। अतः सरकार को चाहिए कि वह इस समिति में शिक्षित व्यक्तियों को शामिल करें।

सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य एवं उद्देश्य (Aims and Objectives of Sarva Shiksha Abhiyan)

एक निश्चित समयावधि के अन्तर्गत प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत सरकार का एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है। सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के लक्ष्य निम्नलिखित हैं-

1)प्रारम्भिक शिक्षा (Elementary Education)-

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्य देश के 6-14 वर्ष तक के सभी बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा उपलब्ध करवाना है। 86 वें संवैधानिक संशोधन के द्वारा भी 6-14 वर्ष वाले बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा को एकमौलिक अधिकार के रूप में निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के रूप से उपलब्ध कराना अनिवार्य बना दिया है।

2)प्राकृतिक वातावरण (Natural Atmosphere)-

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) का महत्त्वपूर्ण लक्ष्य बच्चों को प्राकृतिक वातावरण में शिक्षा प्रदान कराना है। बालक प्राकृतिक वातावरण में सबसे प्रभावी ढंग से सीखता है और उसका सर्वांगीण विकास प्राकृतिक वातावरण में ही उचित ढंग से हो सकता है।

और उसका सर्वांगीण विकास प्राकृतिक वातावरण में ही उचित ढंग से हो सकता है।

3)विद्यालयों में सामुदायिक सहभागिता(Contribution of Community in Schools)-

संवैधानिक संशोधनों (73वां एवं 74वां) को लागू करना सर्व शिक्षा अभियान(sarva shiksha abhiyan) का लक्ष्य है जिसके अन्तर्गत सरकार विद्यालयों में सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करेगी।

4)मूल्य आधारित शिक्षा (Value Based Education)-

सच्चाई, मित्रता, भ्रातृत्व, अनुशासन एवं आध्यात्मिक चिन्तन आदि के विकास में शिक्षा की प्रभावशाली भूमिका होती है इसलिए सर्व शिक्षा अभियान(sarva shiksha abhiyan) में मूल्य आधारित शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। बच्चों के जीवन पर इन नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। बच्चे के चारित्रिक निर्माणमें इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

5)सामाजिक क्षेत्रीय एवं लैंगिक असमानता के बीच कड़ी (Link between Social,Regional and Gender Inequality)-

इस अभियान का लक्ष्य बच्चों में सामाजिक, क्षेत्रीय, लैंगिक असमानता के आधार पर उत्पन्न भेद-भाव को समाप्त करना है।

6)शिशु देखभाल को महत्त्व (Importace to Child Care)-

इस योजना के अन्तर्गत 0-4 वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया है क्योंकि सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के तहत यह आवश्यकता महसूस की गई की बालक की प्रारम्भिक शिक्षा से पूर्व उसकी शिशु शिक्षा प्रारम्भ हो जानी चाहिए। विकास एवं देखभाल के लिए स्त्री एवं बाल विकास विभाग का प्रबन्ध किया गया है।

सर्व शिक्षा अभियान के उद्देश्य (Objectives of Sarva Shiksha Abhiyan)

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) समुदाय द्वारा एक मिशन के रूप में शिक्षा की गुणवत्ता मे सुधार लाने के प्रावधान द्वारा सभी बच्चों में मानवीय क्षमताओं के उन्नयन के लिए अवसर प्रदान करने का एक प्रयत्न है। सर्व शिक्षा अभियान के उददेश्य निम्नलिखित हैं-

1)सन् 2003 तक प्राथमिक शिक्षा को सर्वसुलभ बनाना।

2) सभी बच्चों हेतु वर्ष 2005 तक प्रारम्भिक विद्यालय, शिक्षा गारन्टी केन्द्र वैकल्पिक विद्यालय, “बैक टू स्कूल” शिविर उपलब्ध कराये जाएं।

3) 2007 तक सभी बच्चे 5 वर्ष तक की प्राथमिक शिक्षा पूरी कर ले।

4) 2010 तक सभी बच्चे 8 वर्ष की स्कूली शिक्षा पूर्ण कर ले।

5) वर्ष 2010 तक सार्वभौमीकरण प्रतिधारण।

6) स्त्री-पुरूष असमानता तथा सामाजिक वर्गभेद को 2007 तक प्राथमिक स्तर तथा 2010 तक प्रारम्भिक स्तर पर समाप्त करना।

7) जीवन स्तर पर गुणात्मक शिक्षा पर बल दिया जाएगा।

৪) शिक्षा को जीवन के साथ जोड़े जाने के उपाय किए जाएंगे।

9) वर्ष 2010 तक सभी बच्चों को विद्यालय में बनाए रखना।

10) प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना।

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) केंद्र और राज्य सरकारों की साझा योजना है। नवीं पंचवर्षीय योजना में इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारें 85:15 के अनुपात में व्यय करेंगी। दसवीं पंचवर्षीय योजना में 75:25 के अनुपात में व्यय करेंगी और उसके बाद ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में 50:50 के अनुपात में व्यय करेंगी।

सर्व शिक्षा अभियान एवं शैक्षिक सुविधाएँ (Sarva Shiksha Abhiyan and education Facilities)

Sarva Shiksha Abhiyan के अधीन विद्यालयों को निम्नलिखित सुविधाएँ दी जाती है-

1) शिक्षक (Teacher) –

विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति सम्बन्धी शैक्षिक सुविधाएँ निश्चित करने का कार्य सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) करता है। इस अभियान के अनुसार प्रत्येक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय को 40 छात्रों पर एक शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो शिक्षक जबकि उच्च प्राथमिक की प्रत्येक कक्षा के लिए एक शिक्षक होगा।

2) विद्यालयी सुविधाएँ (School Facilities)-

आवासीय क्षेत्रों में एक किलोमीटर के क्षेत्र में विद्यालय होंगे। नए विद्यालयों की स्थापना राज्य सरकार के नियमानुसार होगी जबकि पिछड़े क्षेत्रों अथवा जहाँ शिक्षा नही पहुँच रही वहाँ ई.जी.एस. (Educational Guarantee Scheme) केन्द्रों की स्थापना की जानी चाहिए।

बालकों की संख्या को ध्यान में रखकर दो प्राथमिक विद्यालयों के लिए एक उच्च प्राथमिक विद्यालय की स्थापन की जाये।

3) कक्षा कक्ष की स्थापना (Establishment of Classroom)-

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के अन्तर्गत सभी प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम दो हवादार कमरे होने चाहिए साथ है बरामदा भी होना चाहिए। इस अभियान के अनुसार प्रत्येक विद्यालय में ऐसे अच्छे कमरों की व्यवस्था आवश्यक रूप से हो जिससे बालकों को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े साथ ही साथ विकलांग एवं अयोग्य बालकों की आवश्यकताओं के आधार पर कक्षा – कक्ष में साधन उप्लब्ध हों।

4) निःशुल्क पुस्तकें (Free Text-Books)-

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के अन्तर्गत अनुसूचित जातीयों एवं अनसूचित जनजातियों के बालकों, विकलांग तथा निर्धन बालकों का पाठ्य-पुस्तकें प्रदान की जाएंगी। इस अच्छे कार्य में राज्य सरकार भी अपना पूर्ण सहयोग दे रही है। सर्व शिक्षा अभियान इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयत्न कर रहा है।

5)विद्यालय अनुदान (School Grant)-

योजना के अनुसार प्रत्येक विद्यालय में छात्रों को फर्नीचर सम्बन्धी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी एवं प्रत्येक विद्यालय में फर्नीचर खरीदने के लिए अनुदान भी दिया जाएगा। यह अनुदान मात्र ग्रामीण विकास समितियों एवं विद्यालय प्रबन्ध समितियों द्वारा ही खर्च किया जाएगा साथ ही इसके प्रयोग में पूर्णतः पारदर्शिता रखी जाएगी।  

6)शिक्षण प्रशिक्षण (Teaching Training)-

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के अन्तर्गत शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की बात भी की गई है ताकि विद्यार्थियों के भविष्य को उज्ज्वल बनाया जा सके। अतः प्रत्येक सेवाकालीन (In service) शिक्षक के लिए 20 दिनों का वार्षिक प्रशिक्षण तथा जो नए प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक भर्ती किए जाएंगे उन्हें 30 दिनों का प्रशिक्षण एवं गैर प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों के लिए 60 दिनों का प्रशिक्षण अनिवार्य होगा SCERT/DIET को शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मजबूत बनाया जाएगा।

7) विद्यालय भवन की देखरेख करना (to Supervise School Building)- 

प्रत्येक विद्यालय जिसका अपना (स्वयं का) भवन होगा, को प्रतिवर्ष भवन को जीर्णोद्वारा (मरम्मत) के लिए 5.000 का अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान का प्रयोग ग्रामीण शिक्षा विकास समिति ही करेगी।

8)अधिगम असमर्थ बालक (Learning Disabled Children) – 

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के अन्तर्गत ऐसे बालक जो सीखने में असमर्थ हैं उन्हें योजनाओं के द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता प्रति वर्ष 1.200 प्रति बालक के हिसाब से प्रदान की  जाएगी। विशेष आवश्यकता वाले बालकों के लिए जिला स्तर पर विशेष योजना तैयार की जाएगी।

 9)श्रमाण एवं शहरी नेतृत्व प्रशिक्षण की व्यवस्था (Arrangement of Training of rural Urban Leadership)- 

सभी लोगों में नेतृत्व क्षमता के विकास करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान(sarva shiksha abhiyan) के अन्तर्गत ग्रामीण व शहरी लोगों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि नेतृत्व क्षमता पैदा हो जाए। इस प्रकार के प्रशिक्षण में स्त्रियों को विशेष प्राथमिकता प्रदान  की जाएगी तथा इसके लिए प्रतिदिन के हिसाब से 30 रूपये खर्चा दिया जाएगा।

10)शिक्षक अनुदान (Teacher’s Grant)-

इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक शिक्षक के अधिगम को प्रभावशाली बनाने के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा ताकि शिक्षक अपनी आवश्यकतानुसार सामग्री तैयार कर सके और उसके उचित प्रयोग से अपने शिक्षण को प्रभावशाली बना सके।

सर्व शिक्षा अभियान की योजनाएँ (Schemes of Sarva shiksha abhiyan )

शुरूआत में यह अभियान स्वतन्त्र रूप से चलाया गया परन्तु बाद में इसमें निम्न योजनाएँ भी जोड़ दी गई-

1) शिक्षा गारन्टी योजना [Education Guarantee Scheme), (ECS)]-

अप्रैल 2001 में  शिक्षा गारन्टी योजना को सर्व शिक्षा अभियान के साथ जोड़ा गया। इसमें दूर-दराज के कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में अगर पढ़ने वाले 25 बच्चे हैं तो वहाँ पर शिक्षा गारन्टी केन्द्र खोला जा रहा है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार इन शिक्षा गारन्टी केन्द्रों को प्राथमिक विद्यालयों में बदला जाएगा इनके लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था तथा प्रशिक्षित अध्यापको की नियुक्ति की जाएगी।

2) ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड योजना (Operation Black Board Scheme)-

ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड योजना, शिक्षा में अवरोधन को रोकने तथा प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 1986 में केन्द्र सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना के अन्तर्गत स्कूलों में एक बरामदा, दो बड़े कमरे होने चाहिए। कम से कम दो शिक्षक हों जिनमें से हो सके तो एक महिला अध्यापिका हो। साथ ही ब्लैक बोर्ड, नक्शे, चार्ट, खिलौनों आदि आवश्यक शिक्षण सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था हो।2003 में इस योजना को सर्व शिक्षा अभियान से जोड़ा गया।

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3) जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम [District Primary Education Programme (DPEP)]

जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम 1994 में शुरू किया गया इसके अन्तर्गत जिला  विशेष के अनुसार नियोजन तथा पृथक लक्ष्य निर्धारण के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा के सर्वसुलभीकरण की नीति को लागू करना है 2009 में इसे भी सर्व शिक्षा अभियान के साथ जोड़ दिया गया। यह कार्यक्रम शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों में चलाया जा रहा है।

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4) कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय योजना (Kasturba Gandhi Balika vidyalaya scheme )

केन्द्र सरकार ने 2004 में “कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय योजना” की शुरूआत स्त्री शिक्षा के विकास के लिए की। 2007 में इस योजना को भी सर्व शिक्षाअभियान से जोड़ दिया गया। सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत 2001 में हुई। इसका उद्देश्य 2010 तक 6 से 14 आयु वर्ग के छात्रों को अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराना था।

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5) मीड-डे मील योजना (Mid-Day Meal Scheme) –

केन्द्र सरकार के द्वारा यह योजना 15 अगस्त, 1995 को शुरू की गई थी। 2007 में इसे भी सर्व शिक्षा अभियान में जोड़ दिया गया।

6) महिला समाख्या (Mahila Samakhya) –

महिला समाख्या कार्यक्रम के अधीन स्त्री शिक्षा की बहुत प्रगति हुई है यह बात प्राप्त ऑकड़ों से सिद्ध हो चुकी है। इस तथ्य को ध्यान रखते हुए लड़कियों की शिक्षा मे सहभागिता बढ़ाने के लिए महिला समाख्या जैसे कायक्रम को मजबूत बनाए जाने पर बल दिया गया।

7) शिक्षक शिक्षा को मजबूती (Strengthening the Teacher’s Education) –

शिक्षक शिक्षा को सुदृढ़ करने एवं इसमें शिक्षकों की भर्ती शामिल करने का कार्य सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत किया जाएगा नवीं पंचवर्षीय योजना की समाप्ति होने के पश्चात् शिक्षक शिक्षा का सम्पूर्ण कार्यक्रम इसी अभियान के अन्तर्गत किया जाएगा। इस अभियान के अन्तर्गत जिला स्तर पर स्थापित डायटों का उचित नेतृत्व किया जाएगा साथ ही राज्यों में स्थापित SCERT’s को शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान हेत् प्रोत्साहित किया जायेगा।

8) जनशाला कार्यक्रम (Janshala Programme)-

प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण में जनशाला कार्यक्रम ने विशेष भूमिका निभाई है। इसका आरम्भ भारत सरकार एवं संयुक्त राष्ट्र के अभिकरणों UNDP, UNICEF, UNESCO, ILO, UNFPA के सहयोग से किया। जनशाला समुदाय आधारित प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम है जिसका मुख्य उददेश्य प्राथमिक शिक्षा को मजबूत एवं प्रभावशाली बनाना है।

सर्व शिक्षा अभियान का मूल्यांकन (Evaluation of Sarva Shiksha Abhiyan)

सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के मूल्यांकन में उसकी उपलब्धियाँ तथा कमियाँ इस प्रकार हैं-

Sarva Shiksha Abhiyan की उपलब्धियाँ (Achievements)-

इस अभियान की प्रमुख उपलब्धियों इस प्रकार हैं-

1) दिसम्बर 2014 तक लगभग चार लाख विद्यालय खोले जा चुके हैं।

2) 2014 तक इस अभियान के अन्तर्गत दो लाख से अधिक अध्यापक नियुक्त किए जा चुके हैं।

3) शिक्षा बीच में ही छोड़कर जाने वाले छात्रों की संख्या में कमी लाने में सफलता मिली।

4) बालिकाओं को स्कूलों की तरफ आकर्षित करने में काफी हद तक सफलता मिली है।

5) विद्यालयों की जरूरत के अनुसार नए भवन, फर्नीचर तथा आवश्यक शिक्षण सामग्री की

व्यवस्था की जा चुकी है।

6) निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें, स्कूल ड्रेस तथा दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

7) शिक्षण विधियों में सुधार करके शिक्षण को रोचक बनाया जा रहा है।

8) पाठ्यक्रमों में समय-समय पर सुधार करके उसे उपयुक्त बनाया जा रहा है।

Sarva shiksha Abhiyan की कमियाँ (Limitations)-

इस अभियान की प्रमुख कमियाँ निम्नलिखित हैं-

1)स्कूल,भवन, फर्नीचर, शिक्षण सामग्री, बेकार है जो की सर्व शिक्षा अभियान की सफलता को प्रभावित कर रही है। 

2) सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) की उपलब्धियों से ऐसा  लगता है कि जैसे निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का लक्ष्य प्राप्त कर लिया  गया हो परन्तु यह सत्य नहीं है। 

3) अभी 4 करोड़ बच्चे प्राथमिक शिक्षा से बाहर हैं। 

4) 2 करोड़ छात्रों ने प्राथमिक स्कूलों में प्रवेश ही नहीं लिया तथा 2 करोड़ ने शिक्षा बीच में छोड़ दी।

सर्व शिक्षा अभियान का सारांश (Summary of Sarva Shiksha Abhiyan)

हम यह कह सकते हैं कि सर्व शिक्षा अभियान (sarva shiksha abhiyan) के अंतर्गत भूमि स्तर पर शिक्षकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है अतः शिक्षकों कि समस्या का समाधान करना आवश्यक है क्योंकि अध्यापकों कि समस्याओं का समाधान किये बिना सर्व शिक्षा अभियान अपने उद्देश्यों को नहीं प्राप्त कर सकती है। 

सर्व शिक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न ( Important Question Related to Sarva Shiksha Abhiyan)

1)Sarva shiksha abhiyan का आयुवर्ग क्या है –

a) 4-9 वर्ष

b) 4-11 वर्ष

c) 6-13 वर्ष

d) 6-14 वर्ष

उत्तर – (d)

2) sarva shiksha abhiyan किस कक्षा वर्ग के बच्चों के लिए था

a) 1 से 8 तक

b) 2 से 6 तक

c) 1से 6 तक

d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(a)

3) sarva shiksha abhiyan को वित्तीय सहायता किसके द्वारा प्राप्त होती है।

a) केंद्र सरकार द्वारा

b) राज्य सरकार द्वारा

c) A व B दोनों

d) केवल A

उत्तर – (c)

4) sarva shiksha abhiyan की शुरुआत कब हुई

a) 2001 में

b) 2002 में

c) 2003 में

d) 2004 में

उत्तर -(a)

1) Sarva shiksha abhiyan से सम्बंधित योजनाएं हैं

a) शिक्षा गारंटी योजना

b) मिड डे मील योजना

c) जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम

d) ये सभी

उत्तर -(d)

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Sneha Katiyar

My name is Sneha Katiyar. I am a student. I like reading books

This Post Has 3 Comments

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