वाक्य किसे कहते हैं?
शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं जैसे- राम घर जाता है। यहां शब्दों को एक क्रम में रखा गया है जिस कारण से यह शब्द आपस में मिलकर सार्थक वाक्य बना रहे हैं। यदि शब्दों का क्रम सुव्यवस्थित ना हो तो अर्थ का अनर्थ हो जायेगा और ऐसा क्रम वाक्य नहीं कहलाएगा। एक शब्द वर्णों के समूह से बनता है।
वाक्यों के दो अंग हैं
1) उद्देश्य
2) विधेय
उद्देश्य
जिसके विषय में बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं; जैसे-श्वेता हँसती है। इसमें श्वेता के विषय में बताया गया है अतः श्वेता उद्देश्य है।
विधेय
उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है उसे विधेय कहते हैं; जैसे-पवित्रा पढ़ती है। इस वाक्य में पढ़ती है,विधेय हैं ।
वाक्यों के भेद
वाक्यों का विभाजन दो आधार पर किया जाता है।
1)रचना के आधार पर
2)अर्थ के आधार पर

रचना की दृष्टि से वाक्य के भेद
(क) सरल वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
सरल वाक्य
जिनमें एक मुख्य क्रिया हो, उन्हें सरल वाक्य कहा जाता है। सरल वाक्यों में एक क्रिया का होना आवश्यक है।
उदाहरण-
1) पिताजी पुस्तक पढ़ रहे हैं।
2) सेजल सो रही है।
3) जूली आज स्कूल नहीं गई।
4) दिव्या बाजार जाती है।
5) भानु हँसमुख है।
6) बच्चे पार्क में खेल रहे हैं।
7) राकेश बीमार है।
मिश्र वाक्य
वे वाक्य जिसमें साधारण वाक्य के साथ एक या एक से अधिक उपवाक्य हो, उन्हें मिश्र वाक्य कहते हैं। ये उपवाक्य परस्पर योजकों जैसे कि यदि , तो , तथापि, इसलिए आदि से जुड़े हुए होते हैं।
उदाहरण-
1)उसने जो परीक्षा दी, वह दसवीं की थी ।
2) आश्चर्य है कि वह जीत गया।
3) यदि काम समाप्त हो जाए तो जा सकते हो ।
4) जब तुम लौटकर आओगे तब में आऊँगा ।
संयुक्त वाक्य
जहाँ दो या दो से अधिक सरल वाक्यों को योजक शब्द (अतः, इसलिए, तो , फिर भी , किन्तु, पऱन्तु, लेकिन, पर) से जोड़ा जाता है, संयुक्त वाक्य ‘ कहलाते हैं। ये दोनो ही वाक्यों में स्वतंत्र अर्थ देने में सक्षम होते हैं।
उदाहरण-
1)काम खत्म करो और जाओ।
2) सूर्योदय हुआ और अँधेरा चला गया।
3) हमने पानी बरसता हुआ देखा और घर में शरण ली। 4) परिश्रम करो और सफलता प्राप्त करो।
5) राम पढ़ रहा था परन्तु रमेश सो रहा था।
6) रात्रि हुई और तारे निकले।
7) सत्य बोलो परंतु कटु सत्य मत बोलो।
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अर्थ के आधार पर वाक्यों के भेद
(क) विधानवाचक
(ख) निषेधवाचक
(ग) आज्ञावाचक
(घ) प्रश्नवाचक
(ङ) विस्मयवाचक
(च) इच्छावाचक
(छ) संदेहडाचक
(ज) संकेतवाचक
विधानवाचक
जिन वाक्यों में किसी कार्य के होने या करने की सामान्य सूचना मिलती है, उन्हें विधानवाचक वाक्यों की श्रेणी में रखते हैं।
जैसे-
- राकेश दिल्ली गया।
- सूर्य पूरब से निकलता है।
- हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है।
- कश्मीर धरती का स्वर्ग है।
- परमाशीष बहुत सुन्दर है।
निषेधवाचक
जिन वाक्यों में किसी कार्य के न होने का बोध हो, उन्हें निषेधवाचक या नकारात्मक वाक्यों की श्रेणी में आते हैं;
जैसे-
- शालू आज बनारस नहीं जाएगी।
- मिंकू आज नहीं खेलेगा।
- सजल आज नहीं गायेगा ।
- आज हिन्दी की कक्षा नहीं लगेगी ।
- मैं आशीष के पास नहीं जाऊंगा।
आज्ञावाचक
जिन वाक्यों से आज्ञा या अनुमति देने का बोध होता है, उन्हें आज्ञावाचक वाक्यों की श्रेणी में रखते हैं।
जैसे-
- जल्दी खाना खाओ।
- एक गिलास पानी लाओ।
- बड़ों का आदर करो।
- बाजार जाकर सब्जी ले आओ।
- प्रखर तुम बैठकर पढ़ो।
प्रश्नवाचक
जिन वाक्यों में किसी प्रकार का प्रश्न पूछे जाने का बोध होता हैं, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते है;
जैसे-
- तुम्हारा नाम क्या है?
- आकाश तुम कहाँ जा रहे हो ?
- तुम कौन-सी कक्षा में पढ़ते हो?
- सतनाम तुम्हारा घर कहाँ है?
- तुम कब से बीमार हो?
विस्मयवाचक
जिस वाक्य से आश्चर्य, शोक, हर्ष, विस्मय, घृणा आदि का भाव व्यक्त हो, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते है; जैसे-
- ओह! वह बीमार पड़ गया।
- अहा! कितना सुन्दर दृश्य है।
- अरे! वह कहाँ चला गया।
- उफ! कितनी गर्मी है।
- वाह! क्या खूब बारिश हुई।
इच्छावाचक
जिस वाक्य में इच्छा, आशीर्वाद, शुभकामना का बोध हो, इच्छावाचक वाक्यों में आते हैं।
जैसे-
- नववर्ष मंगलमय हो।
- ईश्वर करे आप जल्दी स्वस्थ हो।
- ईश्वर करे तुम्हारी यात्रा शुभ हो।
- प्रभु तुम्हें दीर्घायु प्रदान करे।
- ईश्वर करे आप दसर्वी में प्रथम आए।
संदेहवाचक
जिन वाक्यों में कार्य के होने या न होने में संदेह रहता है, उन वाक्यों को संदेहवाचक कहते हैं;
जैसे-
- शायद अमृत कल आए।
- मैं शायद कल बाहर जाऊँ।
- शायद राजू आज आगरा आए।
- शायद सोबू सुधर जाए।
संकेतवाचक
जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर होता है। वे वाक्य संकेतवाचक कहलाते हैं;
जैसे-
- आप साथ में जाते तो इतनी मुसीबत न होती।
- यदि तुम दिन-रात कड़ी मेहनत करते तो पास हो जाते।
- अगर तुम नियमित दवा खाते तो स्वस्थ हो जाते।
- यदि वर्षा हुई तो फसल अच्छी होगी।
- संतुलित आहार लेते तो तबियत न बिगड़ती।
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