अलंकार के भेद || Alankar ke bhed

अलंकार का शाब्दिक अर्थ  अलंकार का शाब्दिक अर्थ है “आभूषण”। काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्व अलंकार कहलाते हैं। जिस प्रकार आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है, उसी प्रकार अलंकारों से काव्य की शोभा बढ़ती है। अलंकारों के प्रयोग से काव्य मनोहारी बन जाता है। शब्दालंकार एवं अर्थालंकार मुख्यता दो अलंकार के भेद हैं। काव्य में शब्द तथा अर्थ दोनों का ही समान महत्व है तथा दोनों ही काव्य के सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं;…

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